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अभ‍िषेक शर्मा को सताता था हिंदी का भूत, 2 बार फेल, बॉलीवुड फिल्में देख बने IAS

 




जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़में पैदा हुए अभ‍िषेक शर्माकी आईएएस बननेकी कहानी हरकिसी को प्रेरणादेने वाली है।गांव में गोपालनकरने वाले इसलड़के ने तीसरेअटेम्प्ट में सफलतापाई। इस सफलताके पीछे उनकीतैयारी के साथसाथ बॉलीवुड कीफिल्मों ने भीखास भ‍ूमिका निभाई।
अभ‍िषेक नेबताया कि वोगांव में मिट्टीके फर्श वालेस्कूल में टाटपर बैठते थे, इससे पहले गोबरकी लिपाई करनीहोती थी। लेकिनबचपन में सपनादेखा था किएक दिन आईएएसबनना है, तबहमारे जिले सेकिसी ने आईएएसनहीं किया था। 
उन्होंने एक वीडियोइंटरव्यू में बतायाकि उसी सपनेको लेकर तैयारीशुरू की। पढ़ाईपूरी करके जबवो पहली बारदिल्ली आए तोपता चला किकैसे लोग यहांकंपटीशन में है।यहां का माहौलबिल्कुल अलग था।


वो बताते हैं कितब महसूस कियाकि एग्जाम काऔरा और उसकोसच में फाइटकरना कितना कठिनहै। एक क्लासमें करीब 450 बच्चेबैठते थे, तबमैं सोचने लगाकि क्या वाकईमैं इतने कड़ेकंपटीशन को फाइटकर सकता हूं। 

अभ‍िषेक कासपना उनका अकेलानहीं था वोपूरे परिवार कासपना था। वोकहते हैं किडर था कहींसपने से पीछेहट जाऊं।फिर उस सालकी मेन्स कीपरीक्षा का पेपरउठाकर देखा तोलगा कि अगरइसी क्लास कीतैयारी में डिपेंडरहा तो कभीनहीं निकाल पाऊंगा।इसलिए मैं सारेमैटेरियल लेकरगांव चला गया।



वापस जाना भीआसान नहीं था।सबको लगा किकहीं सपना खत्मतो नहीं करदिया। मैंने समझायाकि इसीलिए वापसआया हूं ताकिसेल्फ स्टडी कापूरा मौका मिले।लेकिन गांव मेंजब 40 दिन बिजलीनहीं आई। तोमन में बारबार यही सवालपूछता कि वापसआने का डिसीजनक्या सही था।भीतर आत्मविश्वास थाकि क्या पताये भी टेस्टहो लाइफ का।

पहले अटेम्प्ट में अभ‍िषेक केपूरे गांव कोपता चल गयाथा कि वोएग्जाम दे रहेहैं। वो कहतेहैं कि मेंसमें मैं स्ट्रेसमें गयाथा। फिर उसकेबाद सबसे ज्यादाइंटरव्यू से डरलगता था। उसमेंज्यादातर सवाल बैकग्राउंड को लेकरपूछे जाते हैं।मैंने पढ़ाई हिंदीमीडियम में कीथी। इंटरव्यू इंग्ल‍िश में गया था।लग रहा थाकि इंटरनेशनल स्कूलमें पढ़े बच्चोंके सामने कंपीटकैसे कर पाऊंगा।

वो बताते हैं किदो बार मैंइसी डर केकारण फेल होगया। लेकिन तीसरीबार मैंने तैयारीके साथ खुदको मोटिवेट कियाऔर डर कोफेस किया। इसकेलिए यूट्यूब परमैंने बॉलीवुड कलाकारमनोज वाजपेयी काइंटरव्यू सुना किवो किस तरहअपना एनएसडी मेंएडमिशन का सपना  पूरा नहीं करपा रहे थे।फिर किस तरहउन्हें सफलता मिली। इसकेअलावा उन्होंने इसदौरान सलमान खानकी फिल्म सुल्तानसे प्रेरणा ली।इसके अलावा मूवीनिल बटे सन्नाटाका एक सीनवो अपने कंप्यूटरमें सेव करकेरखते थे। येस्टोरी का अंतिमसीन है जिसमेंस्वरा अपने बेटेसे कहती हैंकि अगर तुम्हारेसामने कोई सपनाहै तो जाहिरहै कठिनाइयांआएंगी, इसे मैंनेअपना ध्येय बनाया।

इसके अलावा स्वरा नेसंदेश दिया थाकि कुछ लोगआपका साथ देंगेउन्हें गले सेलगाकर रखो, कुछलोग जो आपकीनिंदा करेंगे उन्हेंभाड़ में जानेदेंगे। इसलिए तीसरी बारमेंस रिलैक्स मूडमें दिया औरमेरा हो गया।फिर तीसरी बारसोचा कि अंग्रेजीसीखूं। फिर लगाकि कहीं मैंफेक लगूं।फिर मैंने अपनेआप अंग्रेजी केअखबारों से अंग्रेजीसीखी और तीसरीबार में मेरीऑल इंडिया 69 रैंकहासिल की।