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बुशरा बानो ने विदेश की जॉब छोड़कर 2 बच्‍चों की मां ने पास की UPSC परीक्षा सोशल मीडिया की मदद ली

 




सउदी अरब में असिस्टेंट प्रोफेसर और दो बच्‍चों की मां बुशरा बानो जॉब छोड़कर भारत वापस लौट आईंं थीं। यहां आकर उन्‍होंने UPSC की तैयारी शुरू कर दी

विदेश में एक अच्‍छे खासे पैकेज की जॉब छोड़कर किसी दूसरे करियर के बारे में सोचना और उसकी तैयारी करना हर किसी के बस की बात नहीं होती है। एक स्‍थायी जिंदगी को छोड़कर दूसरे फील्‍ड के लिए जोखिम उठाना आसान नहीं होता लेकिन एक ऐसी शख्‍स हैं जिन्‍होंने न केवल ये फैसला लिया बल्‍कि अपने मन का काम करने के लिए अपने वतन वापस लौट आईं। यहां आकर उन्‍होंने  मन का काम करने लिए UPSC की तैयारी में जुट गईंं। हालांकि एक साल वे असफल रहीं लेकिन दूसरे प्रयास में उन्‍होंने साल 2018 की परीक्षा में 277 रैंक हासिल कर ली।

सउदी अरब में छोड़ी जॉब  

असमर मूलत मेरठ के रहने वाले हैं. उनसे शादी के बाद वर्ष 2014 में बुशरा भी सऊदी अरब जाकर असिस्टेंट प्रोफेसर बन गईं। उसके बाद असमर और बुशरा की एक सुकून भरी जिंदगी बीतने लगी थी लेकिन कहीं न कहीं बुशरा कुछ उलझन में थीं। दरअसल बुशरा चाहती थीं कि वे अपने वतन में ही कुछ करें, क्योंकि वे दोनो अपनी योग्यता का दूसरे मुल्क के लिए इस्तेमाल कर रहे हैं, जिसका कोई फायदा उन्हे न तो आगे चलकर होने वाला है, न ही हमारे देश और सोसाइटी को, इसलिए बुशरा ने असमर को समझाया और फिर दोनों ने ही भारत लौटने का फैसला कर लिया।

2016 में शुरू की UPSC की तैयारी  

साल 2016 में सऊदी अरब से अलीगढ़ लौटकर बुशरा ने अपने दिल की सुनी और यूपीएससी की तैयारियों में जुट गईं हैं. इस दौरान वे हर दिन दस से पंद्रह घंटे तक पढ़ती थीं।

बिना कोचिंग के की तैयारी 

बुशरा ने एक इंटरव्यू में बताया हैं कि घर का सारा काम-काज, परिवार और बच्चों की देखभाल के बीच रोजाना दस-पंद्रह घंटे यूपीएससी परीक्षा की पढ़ाई करना उनके लिए कत्तई बेहद चुनौतीपूर्ण था। कोचिंग लेने का भी समय निकालना संभव न था।

सोशल मीडिया की मदद से की तैयारी

बुशरा कहती हैं क्‍योंकि कोचिंग के लिए उनके पास समय नहीं था इसलिए उन्‍होंने तैयारी करने के लिए दूसरा रास्‍ता निकाला। बुशरा बताती हैं कि उन्‍होंने IAS की तैयारी करने के लिए सोशल मीडिया का सहारा लिया। वे कहती हैं कि लोग तो कहते हैं कि ऐसे एग्जाम की तैयारी करते समय सोशल मीडिया से दूर रहना चाहिए लेकिन मैंने तो उसे ही अपनी तैयारी का मुख्य माध्यम बना लिया। सोशल मीडिया पर उपलब्ध सामग्री के भरोसे ही मैं परीक्षा की तैयारी करती रहीं।

पहले प्रयास में मिली असफलता

बुशरा अपने पहले प्रयास में असफल हो गई थीं. दरअलस साल 2017 में उन्‍होंने पहली बार UPSC की परीक्षा दी थी, लेकिन वह असफल रहीं थी लेकिन  उन्‍होंने हार नहीं मानी और वे जुटी रहीं।आखिरकार साल 2018 में उनकी मेहनत रंग लाई और उन्‍होंने 277 रैंक हासिल की.