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किसान का बेटा बना IAS अफसर, गांव के बच्चों को दे रहा है TIPS

 





यूपीएससी परीक्षा 2018 पास करनेवाले महाराष्ट्र केकिसान के बेटेनवजीवन राजे विजयकुमार ने 316 रैंकहासिल की है।दिल्ली में महजकुछ महीनों कीकोचिंग करके किसानके इस बेटेने सफलता हासिलकी है। पासहोने के तुरंतबाद नवजीवन नेअपने आसपास केगांवों में एकअभियान चलाया। ये अभियानगांवों के बच्चोंमें IAS या IPS बनने केलिए फैले मिथकोंको लेकर था।जानें क्या हैंयूपीएससी को लेकरमिथक और विजयकुमार कैसे इनमिथकों से निकलनेकी दे रहेसलाह।



नवजीवन ने दिल्लीनॉलेज ट्रैक कोबताया कि यूपीएससीमें सेलेक्शन होजाने के बादहमने मूमेंट चलाइथी। इस अभियानके तहत हमनेगांव गांव जाकरलोगों के बीचजो मिथ हैं, उन्हें सुलझाने के लिएकोशिश की। लेकिन,

 आपको बता दूंकि अगर गांवके बच्चे यूपीएससीकी तैयारी कोलेकर भ्रमित हों तो वोभी आसानी सेइस परीक्षा कोपार कर सकतेहैं।  




अपने बारे मेंनवजीवन बताते हैं किवो पहले

सिविल इंजीनियरिंग क्षेत्र सेथे। फिर दिल्लीआकर कोचिंग की।उनके पिता किसानऔर मां स्कूलटीचर हैं। आइएनवजीवन की जुबानीजानें, गांवों के बच्चोंके कुछ सवालऔर उनके भ्रमजो इन बच्चोंको इस तैयारीको पूरे मनसे नहीं करनेदेते।




नवजीवन का कहनाहै कि बहुतस्टूडेंट्स पूछते हैं कितैयारी के लिएक्या एजुकेशन बैकग्राउंडबहुत महत्वपूर्ण है।ऐसे में मैंउन्हें यही कहताहूं कि नहीं, आपके पास डिग्रीहोनी चाहिए, जिसकेहिसाब से आपएग्जाम दे सकें।फिर कुछ कहतेहैं कि ट्रेंडचल रहा हैकि इंजीनियर डॉक्टरको फायदा मिलेगा।लेकिन नवजीवन कहतेहैं कि आपकिसी भी फील्डसे करो, कुछफायदे नुकसान होतेहैं।




स्टूडेंट ने पूछाकि क्या मुझेUPSC की तैयारी करनी चाहिएया स्टेट सर्विसएग्जाम पर फोकसकरना चाहिए। इसपर मैं उन्हेंयही कहता हूंकि आपको अर्जुनबनना चाहिए। द्रोणाचार्यके दूसरे शिष्योंको भले हीकुछ और दिखाहो, लेकिन अर्जुनको सिर्फ तोतेकी आंख दिखीथी। इसी तरहजो लोग गांवमें स्टडी कररहे हैं वोकोचिंग के बारेमें पूछते हैं, मैं सबसे यहीकहता हूं किये आपकी समझपर निर्भर हैकि आप किसमेंसहज महसूस करतेहो। आपको तैयारीका तरीका पताहोना चाहिए, वोकोचिंग में जानेसे ही नहींमिलता, वो ऑनलाइनभी मिल सकताहै। लेकिन कोचिंगभी गलत चीजनहीं है। मैंनेतैयारी के लिएएक साल कोचिंगकी है।




सबको फॉलो मतकरो

नवजीवन कहते हैंकि यूपीएससी निकालनाहै तो आपअपने ओरिजनल बनो।किसी टॉपर नेकैसे कॉपी लिखी, ये देखो लेकिनफिर लिखो अपनीतरह से। आपकातरीका उनसे अलगभी हो सकताहै। किसी कोडायरेक्टली फॉलो मतकरो। इसी तरहनोट्स बनाते समयध्यान रखें, सेल्फप्रीपरेशन कैसे करें, क्रॉस कंपैरिजन कैसेकरें, ये सबसीखें।




लिखने की प्रैक्टिसऔर ये प्रैक्टिसहै जरूरी
नवजीवन कहते हैंकि लिखने कीप्रैक्टिस बहुत जरूरीहै। अगर आपऑनलाइन आंसर राइटिंगकर सकते होतो उसे करो।मैंने भी आंसरराइटिंग का कामकिया है। मैंनेहर दिन आंसरलिखे हैं। भलेही एक दिनमें एक आंसरलिखें, लेकिन इसमें निरंतरताबनाए रखें।


यही नहीं आपसमझें कि आपकोप्रैक्टिस क्या करनाहै। नवजीवन कहतेहैं कि एकआम व्यक्ति औरएक प्रतियोगी छात्रके न्यूजपेपर पढ़नेमें भी अंतरहोता है। मसलनअभी आर्टिकल 370 हटायागया तो स्टूडेंटको खबर सेआगे भी पताहो मसलन येकब लागू हुआ, इसका क्या असरथा, क्यों लागूहुआ था आदिआदि पता होनाचाहिए। इसी तरहचंद्रयान 2 आदि कोभी तैयार करनाचाहिए। मेन्स में इसतरह के विस्तृतसवाल पूछे जासकते हैं।