हिमाचल प्रदेश से ताल्लुक रखनेवाले अभिषेक वर्माने एक मल्टीनेशनल कंपनी मेंकरीब 24 लाख कापैकेज छोड़कर यूपीएससी(UPSC) की ओर सेआयोजित होने वालीसिविल सेवा परीक्षाकी तैयारी करनेकी ठानी ।
Iअगर आपको लाखोंका पैकेज मिलेतो शायद हीआप उस नौकरीको छोड़ने केबारे में सोचेंगे।वहीं नौकरी छोड़करदोबारा पढ़ाई करने केबारे में सोचनातो और मुश्किल होजाएगा लेकिन इनसबके बीच मेंएक ऐसे शख्स हैं, जिन्होंने नइस बारे मेंसोचा बल्किकर भी दिखाया।जी हां हिमाचलप्रदेश से ताल्लुक रखनेवाले अभिषेक वर्माने एक मल्टीनेशनल कंपनी मेंकरीब 24 लाख कापैकेज छोड़कर यूपीएससी(UPSC) की ओर सेआयोजित होने वालीसिविल सेवा परीक्षाकी तैयारी करनेकी ठानी। उन्होंने इस परीक्षाको करने केबारे में नकेवल सोचा बल्कि बिनाकिसी कोचिंग केइस परीक्षा मेंसफलता किया। उन्होंने परीक्षा में32वीं रैंक हासिलकी है।
हिमाचल प्रदेश के जिलामंडी के रहनेवाले अभिषेक कीपढ़ाई शिमला केएडवर्ड स्कूलसे हुई है।इसके बाद वेदिल्ली आगए। यहां सेउन्होंने रोहिनीदिल्ली से12वीं की पढ़ाईकी थी। यहींसे साल 2016 मेंकंप्यूटर साइंसऐंड इंजीनियरिंग मेंबीटेक किया है।अभिषेक के पितामनोहर लाल वर्मासीपी डब्यलूडीशिमला में अधिशासीअभियंता के पदपर हैं, जबकिमां होममेकर हैं।वहीं बहन अंकितावर्मा ने साल2014 में ही सिविलसर्विस परीक्षा पास करली है। उनकीशादी कर्नाटक बैचके IAS से रोशनसे हुई है।
लाखों पैकेज का छोड़दिया
इंजीनियरिंगकरने के बादअभिषेक का प्लेसमेंट एक मल्टीनेशनल कंपनी मेंहुआ। यहां उन्हें 24 लाख कासालाना पैकेज मिला था।कुछ दिनों तकजॉब करने केबाद अभिषेक कोये अहसास हुआ कि ये उनकीमनपसंद जॉब नहींहै। बस यहींसे उन्होंनेकुछ और करनेकी ठानी। तभीउन्होंने सिविलसर्विस परीक्षा को क्रैककरने की ठानी।
सेल्फ स्टडी सेपाई सफलता
सिविल सर्विस की परीक्षाकी तैयारी केलिए ज्यादातर लोगकोचिंग का सहारालेते हैं। युवाओंको लगता हैकि बिना कोचिंगके इस परीक्षाको पास करनामुश्किल है लेकिनअभिषेक की रायइस बारे मेंअलग थी। वेऐसा नहीं मानतेथे। उन्होंनेसेल्फ स्टडी केदम पर तैयारीशुरू की। पहलेप्रयास में हारका सामना करनापड़ा लेकिन वेडटे रहे औरउन्हें सफल