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अनुपमा अंजलि बचपन से ही IAS बनने का सपना देखती थीं

 



भोपाल की रहने वाली आईएएस अनुपमा अंजलि बचपन से ही IAS बनने का ख्वाब देखती थीं. वजह ये थी कि उनके घर में उनके पिता और दादा जी भी सिविल सर्विस में थे. लेकिन, स्कूली पढ़ाई खत्म करके उन्होंने BE  मैकेनिकल इंजीनियरिंग किया. उसके बाद अपने सपने के पीछे जाने का मन बनाया और तैयारी में जुट गईं. समाज सेवा के काम से जुड़ी  अनुपमा ने इन तरीकों को अपनाकर अपने आप को तैयारी के लिए मोटिवेट किया, आप भी जानें.




अपने इंटरव्यू में IAS अनुपमा ने कहा कि यूपीएससी एक लंबी जर्नी होती है. इस पूरे एग्जाम में इंटेलीजेंस से ज्यादा इमोशनल इंटेलीजेंस की परीक्षा होती है. मेरे पास ऐसे कई उम्मीदवार संपर्क करते हैं कि वो डी मोटिवेट हो गए हैं, उन्हें लगता है कि इतने अटेंप्ट दिए हैं लेकिन नहीं हो रहा है. मैं उन्हें कहती हूं कि अगर आप मोटिवेट रहेंगे तो आप आसानी से परीक्षा निकाल लेंगे. सबसे पहले आप इस बात को समझिए कि बहुत कम लोग ऐसे हैं जो इस तैयारी को समय दे सकें. अगर आप ये करने के लिए तैयार हो गए हैं तो आप समझिए कि आप सफलता की राह पर चल चुके हैं.


समझें अकेले नहीं हैं आप


सबसे पहले समझना है कि आप अकेले नहीं है, बहुत सारे लोग आपकी तरह हैं जो तैयारी कर रहे हैं. वो भी आपकी ही तरह सोचते हैं. कभी भी ये फील न करें कि आप ही अकेले परेशान हो रहे हैं. अगर अपने फ्रेंड्स के साथ तुलना करते हैं तो भी कोई बड़ी बात नहीं, सभी के मन में ऐसी भावना आती है. यहां बस यही मंत्र काम करता है कि आप खुद को कैसे मोटीवेट करते हैं. तैयारी के लिए आपको खुद को मोटिवेटर बनना है. जो रिलेशनशिप आप अपने साथ रखते हैं, वही आपके लिए मददगार होती है. इसे आप अच्छे से समझिए.टेस्ट स्कोर या दोस्तों की तुलना करके आप खुद को न आंकें.




शुरुआत सही करें

आप पहले देखें कि आप किस तरह पढ़ते हैं. आप अपनी स्टडी साइकिल को समझें. एक दिन दस घंटे दूसरे दिन आठ पढ़कर अचानक तीसरे दिन न पढ़ना सही नहीं है. हर दिन रेगुलर पढ़ें और ब्रेक लेने का दिन अलग रखें. आप सुबह जो करते हैं वही एनर्जी लेवल पूरे दिन रहता है. सुबह पहले 45 मिनट मोटीवेशन और सेल्फ टॉक के लिए निकालें. समझें कि आप ऑफीसर क्यों बनना चाहते हैं. यहीं से आप तय करें कि आप एक कदम आगे कैसे बढ़ सकते हैं.



अपने इमोशन को डील करना सीखें


वो अपनी एक घटना बताती हैं कि जब वो तैयारी कर रही थीं उस दौरान उन्होंने अपनी दोस्त को फेसबुक फोटोज में देखा. उन्हें देखकर काफी डिमोटिवेट हो गई थी. वो कहीं मेरे दिमाग के बैक में रह गया था. मुझे लगता था कि क्या सच में ये तैयारी मुझे कहीं आगे लेकर जाएगी या कहीं मैं अपना गोल्डेन टाइम जो मौजमस्ती में बिताना था, वो तो बर्बाद नहीं कर रही. फिर मैंने खुद को समझाया कि ये सैक्रीफाइज मैं अपने लिए कर रही हूं ताकि जीवन में ऐसे तमाम अच्छे मौके ढूंढ़कर उन्हें जी सकूं.




नकारात्मकता हटाएं, फिट रहें


तैयारी से पहले एनजीओ (SEEDO) चलाने वाली अनुपमा शुरू से एक्टिव रही हैं. वो बताती है कि तैयारी के शुरुआती द‍िनों में वजन बढ़ा लिया था, इसलिए तैयारी के  दौरान ही मैंने जिम किया. मेरा मानना है कि नकारात्मकता को दूर करने के लिए फिजिकल एक्सरसाइज के लिए समय निकालना बहुत जरूरी है.